किसी ने पूछा था | अगर किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहो तो वह मिल ही जाती है | लेकिन मैंने ऐसा भी सुना है | कि किसी भी चीज की अभिलाषा दुख पैदा करती है | तो हम किसी चीज को चाहे या नहीं |
क्या वाकई आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहा सकते हैं | आपने सुना तो बहुत होगा की शिद्दत से चाहो तो मिल ही जाता है | लेकिन यह जो शिद्दत है यह कहा मिलती है | अगर शिद्दत से चाहाना इतना आसान होता तो हर कोई वह चीज पा लेता जो उसे चाहिए | और हां, जिन्हें वह चीज मिली है, जो उन्हें चाहिए थी | उन्होंने कभी शिद्दत पर ध्यान ही नहीं दिया |
वह तो केवल अपना कर्म कर रहे थे | हम सब भी अपना कर्म कर रहे हैं और हम सब को भी कुछ ना कुछ मिलता ही है | जो हमें मिल रहा है वह हमारी शिद्दत का ही नतीजा है | क्या जो हम पा रहे हैं | हमने सोचा था कि वह हमें मिलेगा | नहीं, लेकिन फिर भी हमें वह मिल रहा है | चाहे वह अच्छा हो या बुरा |
आप में इतना भी सामर्थ्य नहीं है कि आप उसे लेने से इनकार कर दे | जिंदगी जो दे रही है वह आपको लेना ही पड़ेगा |
शिद्दत को आप लॉ ऑफ अट्रैक्शन भी कह सकते हैं | यानी आकर्षण का नियम | इस नियम के बारे में आपने बहुत कुछ सुन रखा होगा | आप ट्राई भी कर चुके होंगे | लेकिन हुआ कुछ भी नहीं होगा | अगर आपने इस नियम का पालन किया है, और आपको कुछ मिला है तो जरूर कमेंट में बताइएगा |
इस बात को जरूर ध्यान रखिएगा | जिन्होंने भी वह पाया है जो वह चाहते थे | उन्होंने कभी भी लॉ ऑफ अट्रैक्शन के बारे में कभी नहीं सोचा, और ना ही, वह इस नियम को जानते थे | लेकिन आप जानते हैं | आप कोशिश कर रहे हैं | कि शायद कुछ हो जाए | और यह जो नियम है | यह आपके भीतर से नहीं आया है | यह आपको किसी ने बताया है | आपने किसी को सुना है | और आप आप इस लॉ ऑफ अट्रैक्शन के नियम को अपने भीतर उतारने की कोशिश कर रहे हैं |
जबकि जिन्होंने भी सफलता पाई है, या जो चाहा है वह पाया है | उन्होंने उनके भीतर जो था | उसे बाहर की ओर निकाला था | जबकि आप बाहर से कुछ अपने भीतर उतारने में लगे हुए हैं |
यह बात बिल्कुल सही है कि अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो वह मिल ही जाती है | लेकिन आपने कितनी चीजों को आज तक शिद्दत से चाहा है | जब आप अपने भीतर देखेंगे तो पता चलेगा की हजारों चीजें हैं जो आप चाहते हैं | सभी चीजें ऐसी है, कि यह नहीं तो वह सही , वह नहीं तो और कुछ |
जब तक आपके जीवन में यह, और कुछ ,अटका रहेगा | आप कभी भी वह नहीं पा सकेंगे, जो आप चाहते हैं |
इसलिए आप अपनी जीवन ऊर्जा को एक और इकट्ठा कीजिए | उसे एक राह पर लगाए | तब आप उस चीज को पा सकेंगे, जो आप पाना चाहते हैं | लेकिन इसका मतलब यह नहीं है, की जो आप पाना चाहते हैं | वह मिलने पर आपके जीवन में सुख ही सुख आएगा | अभिलाषा कोई भी हो, कैसी भी हो, उसके साथ सुख और दुख दोनों जुड़े रहते हैं |
जर्मनी में एक 17 साल का युवा जिसके पिता की मृत्यु हो चुकी थी | एक आर्ट स्कूल में एडमिशन लेना चाहता था |
लेकिन उसे वहां पर सफलता नहीं मिली | उसके पास जीवन यापन करने के भी पैसे नहीं थे | अतः उसने पोस्टकार्ड पर चित्र बना बना कर बेचना शुरू किया और अपने लिए जीविका कमाने लगा | इस बच्चे के अंदर देश प्रेम कूट-कूट कर भरा था | प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की हार से वह बच्चा पूरी तरह टूट गया | वह जर्मनी को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बना देना चाहता था | उसने अपनी पूरी जीवन ऊर्जा इसी काम में लगा दी | इसी का नतीजा था कि वह जर्मनी का तानाशाह भी बन गया | उसकी संकल्प शक्ति इतनी प्रगाढ़ थी कि वह जो सोच रहा था | उसमें शायद अगर मगर की कोई जगह नहीं थी | उसे संपूर्ण विश्वास था | जो उसने किया है या जो वह सोच रहा है वह वैसा ही घटित होगा | और वैसा घटित भी हुआ | लेकिन फिर भी अंत तो आप जानते ही हैं | सुख से शुरू होकर कहानी दुख पर ही खत्म हुई | शिद्दत से चाहा था तो मिला भी लेकिन छीन भी गया |
इसलिए अगर आप कुछ पाना चाहते हैं | तो उसके लिए अपनी जीवन ऊर्जा को एक दिशा दीजिए | उसी दिशा में आगे बढ़े | अपने जीवन में अगर मगर शायद को मत आने दे | संकल्प का सर्जन कीजिए | चुनौतियां आने पर अपना मार्ग मत बदलिए | चुनौतियों का सामना कीजिए | मार्ग पर आगे बढ़ते रहिए | ऐसा करने पर आपके भीतर, जो जीवन ऊर्जा बह रही है | वह एकत्रित हो जाएगी और आपको मार्ग देगी | तब आप जो सोचेंगे वैसा ही होने लगेगा |
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संदेह नहीं होना चाहिए | जिसे आज आप साइंस कहते हैं | वास्तव में वह उन लोगों की जीवन ऊर्जा की देन है | जिन्होंने बिल्कुल भी संदेह नहीं किया कि वह नहीं कर पाएंगे | और उन्होंने किया, इसी कारण आज आप ऐसी चीजें कर पाते हैं जो पहले बिल्कुल भी संभव नहीं थी | जैसे फोन पर बात कर लेना |
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके जीवन में दुख नहीं आया होगा | सबके जीवन में दुख आता है और इसे आना ही है | जैसे सुख आता है दुख जरूर आएगा | लेकिन जो मध्यम मार्ग पर चलते हैं उनके जीवन में ना तो सुख कोई प्रभाव डालता है और ना ही दुख प्रभाव डाल पाता है |